Delhi/NCR:

Mohali:

Dehradun:

Bathinda:

Mumbai:

Nagpur:

Lucknow:

BRAIN ATTACK:

गर्भावस्था आहार चार्ट और पोषण

By Dr. Neera Aggarwal in Obstetrics And Gynaecology

Aug 01 , 2023 | 5 min read | अंग्रेजी में पढ़ें

गर्भावस्था में होने वाली माँ एवं उसके बच्चे के सेहत लिए स्वस्थ एवं संतुलित आहार अतिआवश्यक है। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिला जो कुछ भी खाती है, वही बच्चे के पोषण का मुख्य स्रोत होता है। एक माँ के आहार में विभिन्न प्रकार के पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां और प्रोटीन शामिल होने चाहिए, जिनमें बच्चे के विकास के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध हों व बच्चे का पोषण हो सके। जब गर्भावस्था में स्वस्थ खाने की बात आती है, तो यह तय करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, कि कौन से खाद्य पदार्थ आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सबसे लाभदायक हैं।

आप सोच रहे हैं, गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए।

गर्भावस्था हेतु आपके बच्चे के समुचितविकास के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों युक्त आहार-तालिका नीचे दी जा रही है।

गर्भावस्था के लिए भारतीय आहार चार्ट और भोजन ढांचा

सप्ताह के दिन

नाश्ते से पहले का हलका भोजन

सुबह का नाश्ता

मध्यान्तर का हलका भोजन

दिन का भोजन

संध्याकाल हेतु हलका भोजन

रात्रि भोजन

पहला दिन

8-12 सूखे मेवे, जिसमें काजू, बादाम और किशमिश सम्मिलित हों।

मूंगदाल का चीला-3 + पुदीना/नारियल चटनी-2 टेबल चम्मच

ब्ल्यूबेरी शेक (1 कप)

1.5 कप मटन बिरयानी + खीरा प्याज का रायता (½ कप)

शकरकंद सलाद (200 ग्राम शकरकंद, 1 चुटकी चाट मसाला और 1 चम्मच नींबू के रस के साथ पकाया हुआ) + हल्की चाय (1 कप)

गेहूँ के आटे का डोसा 3 + ½ कप करेले की सब्जी

दूसरा दिन

घर में तैयार फलों का जूस - स्ट्रॉबेरी, अनार, अमरूद, या संतरे (1 गिलास)

गेहूँ के आटे का डोसा - 4 + टमाटर की सब्जी (½ कप)

ब्रोकली और लहसुन से तैयार किया गया वेजिटेबल सूप (1 कटोरी)

1.5 कप चावल + चिकन का 1 टुकड़ा + 1 कप ब्रोकली की सब्जी

अपनी पसंद के आम, केले और जामुन से बना मिश्रित फल का सलाद (1 मध्यम आकार की प्लेट)

मूंगदाल का चीला-3 + पुदीना/नारियल चटनी-2 टेबल चम्मच

तीसरा दिन

बनाना मिल्कशेक (1 गिलास)

सब्जियों से भरपूर सेवई या उपमा (1 कप) + 2 मध्यम आकार के पराठे

कद्दू का सूप (1 कटोरी)

1.5 कप मटन बिरयानी + खीरा प्याज का रायता (½ कप)

सूखे मेवे के 10-14 टुकड़े

2मल्टीग्रेन टोस्ट - दो सनी-साइड-अप अंडों के साथ

चौथा दिन

गाजर का जूस (1 गिलास)

दलिया (1 कप) + 2 उबले अंडे

बनाना मिल्कशेक (1 गिलास)

1.5 कप चावल, 1 टुकड़ा मटन + 1 कटोरी मसूर दाल

अपनी पसंद के आम, केले और जामुन से बना मिश्रित फल का सलाद (1 मध्यम आकार की प्लेट)

सब्जियों से भरपूर पोहा (1 कप) + 2 मूंग दाल का चीला

पाँचवा दिवस

1 सादा गिलास दूध

सब्जियों से भरपूर पोहा (1 कप) + 2 मूंग दाल का चीला

टमाटर का सूप (1 कटोरी)

1.5 कप चिकन बिरयानी + खीरे प्याज का रायता (½ कप)

गाजर, खीरा और प्याज से बना वेजिटेबल सलाद (1 प्लेट)।

2मल्टीग्रेन टोस्ट-दो सनी-साइड-अप अंडों के साथ

छठा दिन

बनाना मिल्कशेक (1 गिलास)

दलिया (1 कप) + 2 उबले अंडे

कद्दू या कद्दू का सूप (1 कटोरी)

1.5 कप चावल, 1 टुकड़ा मटन + 1 कटोरी मसूर दाल

10-14 सूखे मेवे, जिसमें काजू, बादाम और किशमिश सम्मिलित हों।

गेहूँ के आटे का डोसा - 4 + टमाटर की सब्जी (½ कप)


सातवां दिन

1 सादा गिलास दूध

सब्जियों से भरपूर सेवई या उपमा (1 कप) + 2 मध्यम आकार के पराठे

आडू का मिल्कशेक (1 गिलास)

1.5 कप सब्जी खिचड़ी + 1 पीस चिकन + 1 छोटी कटोरी दही

1 मध्यम आकार का एवोकाडो 1 चम्मच पीनट बटर के साथ

सब्जियों से भरपूर पोहा (1 कप) + 2 मूंग दाल का चीला

गर्भावस्था के दौरान खाने के लिए खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ

  1. डेयरी उत्पाद: डेयरी उत्पाद कैल्शियम और विटामिन जैसे विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो बच्चे के विकास में सहायक होते हैं।
  2. फलियां: फलियां- प्रोटीन, फाइबर, आयरन, फोलेट और कैल्शियम प्रदान करने वाले पादप-आधारित पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जिनकी गर्भावस्था के दौरान अधिक आवश्यकता होती है।
  3. शकरकंद: स्वस्थ भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक बीटा कैरोटीन नामक विटामिन में शकरकंद प्रमुख होता है।
  4. सैल्मन: सैल्मन, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है जिसे डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड (डीएचए) कहा जाता है। गर्भावस्था में इसकी कमी को दूर करने के लिए सैल्मन का सेवन आवश्यक होता है।
  5. अंडे: अंडा प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है। यह अमीनो एसिड प्रदान करता है, जो बच्चे के विकास के लिए अति आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, अण्डे में कोलीन सहित दर्जनों लाभकारी विटामिन और खनिज होते हैं।
  6. ब्रोकली और डार्क, पत्तेदार साग: ब्रोकली जैसे डार्क, पत्तेदार साग विटामिन-ए, सी, बी6, के, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इसलिए, यह शरीर में संतुलित हीमोग्लोबिन की पूर्ण मात्रा बनाये रखता है, हड्डियों को स्वस्थ रखते हैं, और त्वचा की समस्याओं को दूर करता है।
  7. लीन मीट और प्रोटीन: लीन मीट अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
  8. जामुन: जामुन में अच्छी मात्रा में पानी, स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-सी और फाइबर होते हैं। इसके अलावा, यह आपके पोषक तत्व और पानी का सेवन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
  9. साबुत अनाज: साबुत अनाज खनिज और विटामिन-बी से भरपूर होते हैं जो बढ़ते हुए भ्रूण को उसके शरीर के लगभग हर हिस्से के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
  10. एवोकाडोस: एवोकाडोस विटामिन-सी, फोलेट और मैग्नीशियम सहित कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  11. सूखे मेवे: सूखे मेवे कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक से भरपूर होते हैं। फाइबर से भरपूर होने के कारण ये गर्भावस्था में कब्ज को रोकने में मदद करते हैं।
  12. फिश लिवर ऑयल: फिश लिवर ऑयल ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो वसा का सबसे स्वास्थ्यप्रद रूप है। यह अपरिपक्व-डिलीवरी की संभावना को कम करते हैं।
  13. पानी: गर्भावस्था के दौरान रोजाना कम से कम 8-11 गिलास पानी पीना जरूरी है। यह बेहतर पाचन में मदद करता है और भ्रूण के चारों ओर सुरक्षात्मक द्रव को बनाए रखता है, जिसे एमनियोटिक द्रव कहा जाता है।

गर्भावस्था के दौरान परहेज करने योग्य भोजन और पेय पदार्थ

  1. उच्च पारा युक्त मछली: जिन मछलियों में पारा की मात्रा अधिक होती है उसके सेवन करने से आपके रक्तप्रवाह में समय के साथ साथ पारा जमा होता रहता है। रक्तप्रवाह में अतिरिक्त पारा बच्चे के विकासशील तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को नुकसान पहुँचा सकता है।
  2. अध-पकी या कच्ची मछली: पूरी तरह से पकी मछली की तुलना में कच्ची मछली में परजीवी, बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव होने की संभावना अधिक होती है। आप अपने बच्चे में उनको प्रवाहित नहीं करना चाहोगे!
  3. अधपका, कच्चा और प्रोसेस्ड मीट: प्रोसेस्ड मीट में लिस्टेरिया बैक्टीरिया होने की संभावना होती है जो गर्भवती महिलाओं में फूड पॉइजनिंग और उल्टी का कारण बन सकता है। कच्चे और अधपके मांस में बैक्टीरिया सहित सूक्ष्मजीव भी हो सकते हैं जो बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।
  4. कच्चे अंडे: गर्भावस्था में कच्चे अंडे से बचना चाहिए क्योंकि ये साल्मोनेला नामक रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया को शरीर में आमंत्रित कर सकते हैं, जो भोजन की विषाक्तता, उल्टी और दस्त का कारण बन सकते हैं।
  5. ऑर्गन मीट: ऑर्गन मीट में विटामिन-ए होता है, जिसकी अधिकता से बच्चे में जन्मजात विकृतियां हो सकती हैं और यहां तक ​​कि गर्भपात भी हो सकता है, खासकर गर्भावस्था के प्रथम तीन महीनों में इसका अधिक प्रभाव हो सकता है।
  6. कैफीन: कैफीन एक उत्तेजक पदार्थ है जो आपकी हृदय गति और रक्तचाप को बढ़ाता है, ये दोनों ही गर्भावस्था के लिए हानिकारक हैं। इसके अलावा, कैफीन आपके और बच्चे के बीच सीमा निर्धारित करने वाले प्लेसेंटा को भी पार कर सकता है।
  7. कच्चे अंकुरित पदार्थ: कच्चे अंकुर गर्म और नम परिस्थितियों में पनपते हैं, जो बैक्टीरिया (जैसे साल्मोनेला और ई. कोलाई) के विकास के लिए उपयुक्त होते हैं। ऐसे में कच्चे अंकुरित अनाज का सेवन आपको बीमार कर सकता है।
  8. बिना धुले उत्पाद: गर्भावस्था में बिना धुले या दूषित खाद्य उत्पादों के सेवन से आप टॉक्सोप्लाज्मा गोंडी नामक हानिकारक परजीवी के संपर्क में आ सकते हैं, जो अधपके मांस और बिना धुली सब्जियों में प्रचुर मात्रा में होता है।
  9. अपाश्चुरीकृत दूध, पनीर और फलों का रस: कच्चे, बिना पाश्चुरीकृत दूध में ई.कोली, लिस्टेरिया और कैंपिलोबैक्टर जेजुनी जैसे बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो खाद्य जनित बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।
  10. अल्कोहल: गर्भावस्था के प्रथम तीन महीनों में अल्कोहल के सेवन से बच्चे में संरचनात्मक दोष हो सकते हैं; यानी, बच्चे के चेहरे की असामान्य विशेषताएं हो सकती हैं।
  11. प्रोसेस्ड जंक फूड्स: गर्भावस्था के दौरान प्रोसेस्ड जंक फूड्स का सेवन करने से मां के शरीर में एक्रिलामाइड नामक जहरीले पदार्थ की मात्रा बढ़ सकती है, जो बच्चे के लिए हानिकारक होता है।

गर्भावस्था के लिए यह भारतीय आहार योजना सभी के लिए उपयुक्त हो भी सकती है और नहीं भी। खाद्य एलर्जी और जटिलताओं के मामले में, हम एक व्यक्तिगत आहार चार्ट की योजना बना सकते हैं।

निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान एक स्वस्थ, संतुलित आहार ग्रहण करना बढ़ते हुए बच्चे के लिए आवश्यक है, क्योंकि वह आपके द्वारा उपभोग किए जाने वाले सभी पौष्टिक भोजन को ग्रहण करने की प्रतीक्षा कर रहा है।

बहुत सारे पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आप ग्रहण कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपका बच्चा सुरक्षित और स्वस्थ है। उपरोक्त आहार चार्ट का पालन करें और अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ को अपने खाने के विकल्पों के बारे में सूचित करते रहें ताकि यदि आवश्यक हो तो वे अतिरिक्त पूरक के साथ आपका मार्गदर्शन कर सकें। एक स्वस्थ, सुपोषित गर्भावस्था का आनंद लें!